अल्ट्रा वायलेट कीटाणुशोधन टॉवर(यूवी ब्लास्टर)
रक्षा
अनुसंधान और विकास संगठन ( DRDO) ने रसायन मुक्त और तेजी से
कीटाणुशोधन करने वाला अल्ट्रा वायलेट कीटाणुशोधन टॉवर(Ultra
Violet Disinfection Tower) तैयार किया है| यह टॉवर उच्च संक्रमण प्रवण क्षेत्रों में
कीटाणुशोधन(Disinfection) करने के लिए
अत्यधिक सहायक होगा|
मुख्य
विशेषताएं
यूवी ब्लास्टर (UV Blaster) नाम का यह उपकरण एक अल्ट्रा वॉयलेट (UV)
आधारित क्षेत्र सैनिटाइज़र (Sanitizer) है| जिसे DRDO की दिल्ली स्थित प्रतिष्ठित प्रयोगशाला Laser
Science & Technology Centre(LASTEC) द्वारा विकसित किया गया है।
मुख्य उपयोग
यूवी ब्लास्टर को प्रयोगशालाओं
और कार्यालयों में इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों,
कंप्यूटरों और अन्य गैजेटों की सतह को
कीटाणुमुक्त करने में प्रयोग किया जा सकता है| जिन्हें
रासायनिक विधियों से कीटाणु मुक्त नहीं किया जा सकता है।
यूवी
ब्लास्टर ऐसे दफ्तरों और क्षेत्रों के
लिए बहुत उपयोगी है जिनमें रसायनिक विधियों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है.
यह हवाई अड्डों, शॉपिंग माल, मेट्रो, होटलों, कारखानों, कार्यालयों आदि
क्षेत्रों के लिये भी प्रभावी है|
जहाँ लोगों की आवाजाही काफी ज़्यादा होती है।
कार्यप्रणाली
UV आधारित इस Area
Sanitizer को Wi-Fi का प्रयोग करते हुए लैपटॉप अथवा मोबाइल के
माध्यम से दूरस्थ परिचालन (Remote
Operation) के द्वारा प्रयोग किया जा सकता है।
इसमें
43 वॉट्स प्रत्येक के 6 लैम्प्स होते हैं|
सभी
लैम्प्स 360 डिग्री में 254एनएम तरंग दैर्ध्य (Wave-length) का अल्ट्रा
वायलेट प्रकाश छोड़ते हैं|
अगर
कमरे में कोई अचानक आ जाए या कोई अन्य मानवीय अवरोध होने पर यह टॉवर खुद ही स्विच
ऑफ हो जाएगा|
यह
उपकरण हाथ से भी संचालित हो सकता है|
COVID-19 के सन्दर्भ में DRDO की भूमिका
DRDO की स्थापना वर्ष 1958 में Defence Science Organization(DSO) के साथ भारतीय सेना के Technical
Development Establishment(TDEs) और Directorate of Technical Development &
Production(DTDP) के संयोजन के माध्यम से किया गया था।
DRDO रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत काम करता है।
DRDO रक्षा मंत्रालय के रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग के तहत काम करता है।
DRDO रक्षा प्रणालियों के डिज़ाइन एवं विकास के साथ-साथ तीनों रक्षा सेवाओं की
आवश्यकताओं के अनुरूप विश्व स्तर की हथियार प्रणाली एवं उपकरणों के उत्पादन में
आत्मनिर्भरता बढ़ाने की दिशा में काम कर रहा है।
सशस्त्र बल और DRDO समेत रक्षा
मंत्रालय के विभिन्न विंग्स देश में महामारी के प्रसार को रोकने का काफी प्रयास कर
रहे हैं| और अपनी-अपनी क्षमता के अनुसार, विभिन्न प्रकार
के उत्पादों को डिज़ाइन और विकसित कर रहे हैं।
DRDO ने महामारी से निपटने के लिये कई उत्पाद विकसित किये हैं| जिनमें
वेंटिलेटर, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (PPE) किट, बड़े क्षेत्रों
को सैनिटाइज़ करने हेतु उपाय शामिल हैं।
DRDO कई नई तकनीकों और उत्पादों का विकास कर रहा है| ताकि कीटाणुशोधन, नमूना संग्रहण, किफ़ायती व्यक्तिगत सुरक्षात्मक उपकरण तैयार करने में मदद मिल
सके|
इनमें
से कई तकनीकों को निजी क्षेत्र की कंपनियों को सौंप दिया गया|
COVID-19 संक्रमण में सहायता
प्रदान करने के लिए DRDO ने एक Microwave Steriliser , Atulya निर्मित किया है|
DRDO ने COVID-19 नमूना संग्रहण के लिए एक काउंटर (Kiosk) भी तैयार किया है |
DRDO ने एक Mobile Virology Research
and Diagnostics Laboratory( MVRLL) भी विकसित की है|जो CORONAVIRUS की जाँच और अन्य COVID-19
अनुसंधान तथा विकास गतिविधियों को गति प्रदान
करेगी।
यह मोबाइल वायरोलॉजी रिसर्च लैब COVID-19 के निदान और वायरस संवर्द्धन में ड्रग स्क्रीनिंग हेतु प्लाज़्मा थेरेपी, टीके के प्रति
रोगियों की प्रतिरक्षा प्रोफाइलिंग आदि में सहायक होगी।
Very important information
ReplyDeleteThank You !!
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