ईश्वर चन्द्र विद्यासागर


 

समाज-सुधारकों की श्रेणी में एक महत्वपूर्ण नाम है ईश्वरचन्द्र विद्यासागर,जो संस्कृत के एक प्रसिद्ध विद्वान थे|उनके व्यक्तित्व में भारतीय और पश्चिमी विचारों का अद्भुत समन्यवय था| नैतिक मूल्यों में विश्वास,मानवता के प्रति समर्पण तथा गरीबों के लिए उदारता उनके जीवन का आधार था |  

उनका जन्म1820 ई में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था|संस्कृत का गहन अध्ययन करते हुए वे कलकता के संस्कृत कॉलेज के प्रिंसिपल(1850) बने तथा उनके पांडित्य के लिए कॉलेज ने उन्हें विद्यासागर की उपाधि प्रदान की|

उन्होंने अपने जीवन में  अनेक समाजिक-समस्याओं पर काम किया|उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्य जैसे – स्त्री जाति के लिए उत्थान,विधवा -पुनर्विवाह का कानून ,दलितों का उत्थान,शिक्षा का प्रसार,उनकी निस्वार्थ सेवा,कन्या विद्यालयों की स्थापना,दलितों के लिए शिक्षा  ने उन्हें महापुरुष का दर्जा दे दिया| साथ में उन्होंने ब्राह्मण जाति के संस्कृत से एकाधिकार को खत्म करते हुए निम्न जातिओं के लिए भी अध्ययन का द्वार खोल दिया| इसके अलावा उन्होंने बंगला भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके चलते उनको आधुनिक बंगाल का प्रणेता माना गया|

1849 ई में विद्यासागर के मित्र ड्रिंकवाटर बेथ्युन (बेथ्युन स्कूल) ने कन्याओं के लिए पहला स्कूल कलकता में खोला था| यह 1840 ई से 1850 ई के बीच चलाये सशक्त आंदोलनों का परिणाम था | 1855 ई में विद्यासागर स्कूलों में विशेष निरीक्षक नियुक्त होने के साथ ही कई कन्या विद्यालयों की भी स्थापना की पर यह अधिकारिओं को पसंद नही आया और उनको इस्तीफा देना पड़ा|

1856 ई में पहली बार विधवा-पुनर्विवाह का आयोजन कलकाता में हुआ था जिसमे ईश्वर चन्द्र विद्यासागर ने अपनी अहम् भूमिका अदा की थी |विधवा-पुनर्विवाह को समर्थन के साथ-साथ उन्होंने कन्याओं के लिए भी शिक्षा की बात की जिससे उनको हिन्दू कट्टरवाद का सामना भी करना पड़ा|

धार्मिक मामलों में ना उलझते हुए तथा अपने आधुनिक विचारों को सामने रखते हुए उन्होंने अपने आगाध ज्ञान से समाज को एक नई दिशा दी और उनलोगों से मुकाबला किया जो धर्म के नाम पर सुधारों का विरोध कर रहे थे|इस प्रकार समाज-सुधार के विभिन्न क्षेत्रों में ईश्वरचन्द्र विद्यासागर का नाम अविस्मरणीय है|

 

Comments

  1. बहुत ही सुंदर लेख , विधासागर के समाजिक कार्यों को भूलाया नहीं जा सकता है !

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  2. अती सुंदर ज्ञान ,विद्यासागर जी को प्रणाम 🙏🙏

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    1. सच्चे समाज सुधारक थे |

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  3. Actully written in fantastic way 👏

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    1. thnkx plz share and follow if possible

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  4. Raj Kumar miglani27 May 2021 at 08:15

    Very good

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