भौगोलिक संकेत(Geographical Indication -Tag)



भौगोलिक संकेत(Geographical Indication -Tag)  एक नाम या प्रतीक है| जिसे  कृषि, प्राकृतिक, मशीनरी और मिठाई आदि से संबंधित उत्पादों  के लिए किसी क्षेत्र विशेष के किसी व्यक्ति, व्यक्तियों के समूह या संगठन को दिया जाता है| इस संकेत का उन उत्पादों पर उपयोग किया जाता है| जिनकी एक विशिष्ट भौगोलिक उत्पत्ति होती है| और इसमें उस क्षेत्र की विशेषताओं के गुण और प्रतिष्ठा भी पायीं जाती हैं|

एक संरक्षित भौगोलिक संकेत धारक, किसी और व्यक्ति को उसी तकनीक से इसी उत्पाद को बनाने से नहीं रोक सकता है| लेकिन नक़ल करने वाला व्यक्ति उसी संकेत का उपयोग नहीं कर सकता है|

Process of Registration
GI-Tag वस्तु (पंजीकरण और संरक्षण) एक्ट, 1999 के अनुसार जारी किए जाते हैं|
यह Tagभौगोलिक संकेत रजिस्ट्री द्वारा जारी किया जाता है| जो कि उद्योग संवर्धन और आंतरिक व्यापार विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के अंतर्गत आता है|
एक GI का पंजीकरण केवल 10 वर्षों की अवधि के लिए मान्य है| हालांकि इसे समय-समय पर प्रत्येक 10 वर्षों की अवधि के लिए नवीनीकृत किया जा सकता है।
GI-Tag पाने के लिए कोई भी व्यक्तिगत निर्माता, व्यक्तियों का संगठन, या राज्य सरकार के अंतर्गत कोई वैध संगठन अप्लाई कर सकता है|
आवेदन को निर्धारित शुल्क के साथ उचित प्रारूप में लिखा जाना चाहिए|

Objectives
GI-Tag किसी क्षेत्र के उत्पाद की उत्पत्ति को पहचानने के लिए एक संकेत या प्रतीक है|
GI-Tag की मदद से कृषि, प्राकृतिक या निर्मित वस्तुओं की अच्छी गुणवत्ता को सुनिश्चित किया जा सकता है|
दूसरे लोगों द्वारा पंजीकृत भौगोलिक संकेत के अनधिकृत उपयोग को रोकना है|
GI-Tag के माध्यम से उत्पादन प्रक्रिया में नयापन लाने वाले लोगों को इस बात की सुरक्षा प्रदान की जाती है|कि उनके उत्पाद की नक़ल कोई और व्यक्ति या संस्था नहीं करेगी|

Benefits
GI-Tag उत्पादों की नक़ल को रोकता है| इसलिए यह भारत में भौगोलिक संकेतों को कानूनी संरक्षण प्रदान करता है|
यह टैग अच्छी गुणवत्ता वाले उत्पादों को दिया जाता है| ताकि ग्राहकों की संतुष्टि बढ़े|
उत्पादों की अच्छी गुणवत्ता, उत्पादकों के लिए अंतर्राष्ट्रीय बाजार के द्वार खोलती है|
उत्पादकों के राजस्व में वृद्धि और इस क्षेत्र में रोजगार सृजन होता है|

Authorised User
जो व्यक्ति या संगठन या क्षेत्र किसी उत्पाद के GI-Tag के लिए आवेदन करता है| Tag को प्राप्त भी करता है| वही GI-Tag का अधिकृत उपयोगकर्ता कहा जाता है| इसके अलावा कोई और क्षेत्र/ कोई अन्य व्यक्ति/संगठन इसका उपयोग नहीं कर सकता है|

Indication Transfer
भौगोलिक संकेत किसी विशेष क्षेत्र या राज्य की सार्वजनिक संपत्ति है| इसे दूसरों को सौंपा या हस्तांतरित, गिरवी नहीं रखा जा सकता है| यदि GI-Tag के अधिकृत उपयोगकर्ता की मृत्यु हो जाती है| यह टैग उसके उत्तराधिकारी को स्थानांतरित हो जाता है|

Registration Cancellation
GI-Tag जारी करने वाली अथॉरिटी (भौगोलिक संकेतक के रजिस्ट्रार) एक अधिकृत उपयोगकर्ता को रजिस्टर से निकाल सकते हैं| एक पीड़ित व्यक्ति (यदि आरोप सही पाया गया) के आवेदन पर पंजीकरण रद्द हो सकता है|

Examples
1. दार्जिलिंग चाय कृषि पश्चिम बंगाल
2. अरनमुल्ला कन्नदी हथकरघा केरल
3. पोचमपल्ली इकत हथकरघा तेलंगाना
4. सेलम फैब्रिक हथकरघा तमिलनाडु
5. चंदेरी साड़ी हथकरघा मध्य प्रदेश
6. शोलापुर चदर हथकरघा महाराष्ट्र


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