Posts

Showing posts from 2021

YUVA- Prime Minister’s Scheme For Mentoring Young Authors

Image
  This is an Author Mentorship programme to train young and budding authors (below 30 years of age) in order to promote reading, writing and book culture in the country, and project India and Indian writings globally. This initiative launched by the Ministry of Education, Department of Higher Education . Brief about the initiative *YUVA  Stands for Young, Upcoming and Versatile Authors *PM’s vision to encourage young writers to write about India's freedom struggle . *young generation to write about freedom fighters, incidents associated with freedom, the saga of valour during the period of freedom struggle in their respective areas - as the best tribute to the heroes of India's freedom - as we celebrate 75 years of Indian Independence. *YUVA is a part of India@75 Project ( Azadi Ka Amrit Mahotsav ) to bring to the fore the perspectives of the young generation of writers on themes like Unsung Heroes, Freedom Fighters, Unknown and Forgotten Places and their role in Nat...

Lakshadweep Controversy

Image
  भारत के मालदीव के तौर पर विख्यात लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा संघ राज्यक्षेत्र यानी केंद्र शासित प्रदेश है।जिसमें 36 द्वीप यानी आइलैंड   हैं। लक्षद्वीप को अपने सुंदर , मनोहारी और सूरज को चूमते हुए समुद्री तटों और हरे भरे प्राकृतिक नजारों के लिए जाना जाता है।   लेकिन आजकल यह विवादों में घिरता हुआ नजर आ रहा है | लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल द्वारा विकास के एजेंडे को लेकर लाए जा रहे सुधार कानूनों के खिलाफ लक्षद्वीप द्वीपसमूह में विरोध बढ़ रहा है। लोगों द्वारा इस कानून को दमनात्मक, पारंपरिक जीवन और सांस्कृतिक विविधता को नष्ट करने वाला   माना जा रहा है। लक्षद्वीप के लिए नए कानून 1. Lakshadweep Development Authority Regulation, 2021 यह प्रशासक को विकास के उद्देश्य से किसी भी संपत्ति को जब्त करने और उसके मालिकों को स्थानांतरित करने या हटाने की अनुमति देता है।   इस क़ानून के ज़रिए प्रशासक को टाउन प्लानिंग या किसी दूसरे विकास कार्य के लिए स्थानीय लोगों को उनकी संपत्ति से हटाने या ट्रांसफर करने का अधिकार मिल जाएगा। 2. Prevention of  Anti-Social...

रामकृष्ण मिशन और विवेकानंद

Image
  19 वीं सदी के समाज सुधारकों में एक बहुत ही महत्वपूर्ण नाम है रामकृष्ण परमहंस,जिनका जन्म(1836) में बंगाल में हुआ था| वे दक्षिणेश्वर में काली मंदिर के पुजारी थे| उस समय भूतपूर्व में किये गये धार्मिक,सामाजिक और बौद्धिक सुधारों के कोशिश के फलस्वरूप बंगाल में एक नवींन चेतना का जागरण हो रहा था जो तथाकथित पाखंडों से हटकर योग और भक्ति जैसे मार्गों पर आधारित थी| बहुत कम उम्र में रामकृष्ण परमहंस को अध्यात्मिक आनंद की प्राप्ति हुई| उन्होंने चिंतन, सन्यास और भक्ति के परंपरागत तरीकों से धार्मिक मुक्ति प्राप्त करने का प्रयास किया|उनका मानना था की ईश्वर और धार्मिक मुक्ति पाने के अनेक मार्ग हैं पर इन मार्गों में श्रेष्ठ मार्ग,मानव की सेवा करना है| परमहंस मठ की स्थापना रामकृष्ण परमहंस के द्वारा की गयी थी|उन्होंने कहा की सभी धर्मों का आधार एक ही है| ध्यान और भक्ति के मार्ग को अपनाते हुए पश्चिमीकरण और आधुनिकीकरण के सम्मिलित प्रयोग से ईश्वर की उपासना का उपाय बताया| ईश्वर एक है अनेक धर्मों में उनके नाम अलग अलग है उनको पाने के तरीके भिन्न-भिन्न हैं पर उदेश्य एक ही है| जब पश्चिम के प्रभाव के कार...

दयानंद सरस्वती और आर्य समाज

Image
दयानंद सरस्वती एक समाज सुधारक थे जिनको हिन्दू सुधारवादी आन्दोलन और आर्य समाज के स्थापना के लिए जाना जाता है | उनके द्वारा चलाया गया धार्मिक और सुधारवादी आन्दोलन मुख्यतः उत्तर भारत में ज्यादा प्रभावशाली था जिसका मुख्य उदेश्य प्राचीन वैदिक धर्म का पुनः स्थापना करना था | इनका जन्म गुजरात के कठियावाड में 1824 ई में हुआ था उनके बचपन का नाम मूलशंकर था|14 साल की आयु में मूर्तिपूजा का बहिष्कार करके वे विद्रोही हो गये थे|कुछ ही समय बाद ज्ञान की तलाश में अपना गृह त्यागकर वह साहित्य और संस्कृत भाषा के ज्ञानी बन गये| दयानद सरस्वती ने 1863 ई से अपने विचारों का प्रतिपादन करना शुरु किया|उनका मानना था कि ईश्वर केवल एक है जिसकी पूजा मूर्ति के रूप में नही बल्कि जीवात्मा के रूप में करनी चाहिए|मनुष्य को ईश्वर द्वारा दिया गया सारा ज्ञान वेदों में निहित है|वेदों को सच्चा और सभी धर्मों से हटकर बताया|इसी सन्देश के साथ उन्होंने 1875 ई में बाम्बे में आर्य समाज की स्थापना की|बाद में उसका मुख्यालय लाहौर स्थानांतरित कर दिया गया| उनके द्वारा दिए गये विचारों का संग्रह सत्यार्थ – प्रकाश में मौजूद है जो एक प्रसि...

ईश्वर चन्द्र विद्यासागर

Image
  समाज-सुधारकों की श्रेणी में एक महत्वपूर्ण नाम है ईश्वरचन्द्र विद्यासागर,जो संस्कृत के एक प्रसिद्ध विद्वान थे|उनके व्यक्तित्व में भारतीय और पश्चिमी विचारों का अद्भुत समन्यवय था| नैतिक मूल्यों में विश्वास,मानवता के प्रति समर्पण तथा गरीबों के लिए उदारता उनके जीवन का आधार था |   उनका जन्म1820 ई में एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था|संस्कृत का गहन अध्ययन करते हुए वे कलकता के संस्कृत कॉलेज के प्रिंसिपल(1850) बने तथा उनके पांडित्य के लिए कॉलेज ने उन्हें विद्यासागर की उपाधि प्रदान की| उन्होंने अपने जीवन में   अनेक समाजिक-समस्याओं पर काम किया|उनके द्वारा किये गये महत्वपूर्ण कार्य जैसे – स्त्री जाति के लिए उत्थान,विधवा -पुनर्विवाह का कानून ,दलितों का उत्थान,शिक्षा का प्रसार,उनकी निस्वार्थ सेवा,कन्या विद्यालयों की स्थापना,दलितों के लिए शिक्षा   ने उन्हें महापुरुष का दर्जा दे दिया| साथ में उन्होंने ब्राह्मण जाति के संस्कृत से एकाधिकार को खत्म करते हुए निम्न जातिओं के लिए भी अध्ययन का द्वार खोल दिया| इसके अलावा उन्होंने बंगला भाषा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया जिसके चलते...

डेरेजियो और तरुण बंगाल

Image
कलकता के हिन्दू कॉलेज(1817) ने बंगाल के आधुनिकीकरण के आन्दोलन में बड़ी भूमिका अदा की थी|डेविड हरे(स्काटलैंड) जो राममोहन राय के सहयोगी थे,ने स्थापना में बड़ी भूमिका निभाई थी| 1826 ई में हेनरी लुई विवियन डेरोजियो हिन्दू कॉलेज में अध्यापक बने|उनके आसपास विद्यार्थिओं का जमावड़ा रहता था|उन्होंने विद्यार्थिओं को स्वतंत्रता से सोचने और परंपरागत मान्यताओं पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए अपने पुरोगामी विचार सामने रखे और एक संगठन बनाया|इस प्रकार डेरेजियो ने विद्यार्थियों को आकर्षित करते हुए बौद्धिक क्रांति को जन्म दिया| इस प्रकार इसे सामूहिक रूप से यंग बंगाल या तरुण बंगाल कहा जाने लगा| ईश्वर के अस्तित्व,परम्पराओं का मजाक,मूर्तिपूजा का बहिष्कार ,सामाजिक और धार्मिक रुढिवादिता को तोड़ते हुए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता,स्त्रियों के लिए शिक्षा की मांग की गयी |   रुढ़िवादी विचारों और परम्पराओं के टूटने से कलकता के कट्टरपंथी हिन्दुओं में हलचल पैदा हुई और उन्होंने डेरेजियो को कॉलेज से निकालने की मांग करने लगे|इस प्रकार उनको कॉलेज से बर्खास्त किया गया|1831ई में उनकी मृत्यु हो गई | उसके बाद भी यंग बंगाल क...

Covid-19 Slot Booking Process

Image
  My Dear friends आजकल भारत में कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है|ऐसे में बहुत जरुरी है कि हमलोग वायरस से खुद का बचाव हर हाल में करें | भारत सरकार द्वारा राज्य सरकार के साथ मिलकर संक्रमण को कम करने या इससे बचने के लिए बड़े स्तर पर Vaccination Program चलाया जा रहा है | Vaccine लेना सभी के लिए बहुत जरुरी है | ताकि हम खुद को इस खतरनाक वायरस से बचा सकें | लेकिन एक समस्या उत्पन्न हो रही है कि जल्दी से slot कैसे बुक किया जाए | आएये जानते है कि इसका सही तरीका क्या है ? आपको केवल इस website पर जाकर खुद से सम्बंधित सुचना को डालना होगा | फिर ये website खुद ही जब slot Available होगा message करके आपको inform कर देगी| तब आपको खुद के लिए slot बुक करना आसान होगा | 1. Information Needed    *  Your Name    *  E-Mail    * Mobile No 2. Related Websites ·                  *  Leegality|Co-Win vaccine Slot ·                  *  U...

2-DG-Medicine

Image
  2 DG-Deoxy-Glucose भारत की पहली स्वदेशी एंटी COVID-19  की दवा है| जिसका निर्माण DRDO और INMAS ने  हैदराबाद स्थित डॉ रेड्डी की प्रयोगशाला (DRL) के साथ मिलकर किया है | काम करने का तरीका   यह दवा पाउडर के रूप में है | यह आसानी से पानी में घुल जाती है जिसे पीना आसान होता है | तथा यह कोरोना मरीजों पर ऑक्सीजन की निर्भरता को कम करती है | परीक्षण में पाया गया है कि यह दवा मरीज़ के शरीर में वायरस को बढ़ने से रोकती है | वायरस  से संक्रमित कोशिकाओं पर अपना प्रभाव डालती है | वायरस को शरीर में बढ़ने के लिए उर्जा की जरुरत होती है जबकि यह दवा वायरस को उर्जा हासिल करने से रोकती है | शरीर में ग्लूकोस की तरह फैलना यह दवा शरीर में ग्लूकोस की तरह फैलती है | शरीर में संक्रमित कोशिकाओं तक पहुचने के बाद  यह दवा वायरस को अपनी संख्या बढ़ने से रोकने के साथ साथ उसके प्रोटीन उर्जा  के उत्पादन को रोकती है |यह फेफड़े में फैले संक्रमण को भी रोकने में कारगर है | इसको लेने के बाद ऑक्सीजन पर निर्भरता कम हुआ है |  दवा की उपलब्धता  DRDO ने कहा है कि इसे बेहद आसानी से तैयार किया जा...

राजा राममोहन राय और ब्रह्म समाज

Image
  राजा राममोहन राय , बहुमुखी प्रतिभा के धनी तथा भारतीय पुनर्जागरण के जनक और आधुनिक भारत के निर्माता थे | उन्होंने आधुनिक पश्चिमी विचारों पर आधारित ब्रह्म समजा की स्थापना की थी जो हिन्दू धर्म का पहला सुधार आन्दोलन था | उनका जन्म बंगाल में 1772 में हुआ था | एक सुधारवादी के रूप में   इनका विचार वैज्ञानिक विचारों और सामाजिक समानता से परिपूर्ण था | वे एकेश्वरवाद   में विश्वास रखते थे |1809 में उन्होंने एकेश्वरवादियों के लिए किताब लिखी तथा अनेक भाषाओं में अनेक ग्रंथों की रचना की | रजा राममोहन का मत था कि हिन्दू धर्म में व्याप्त कुरीतिओं को दूर करने के लिए यह जरुरी है कि जनता को मूल धार्मिक ग्रंथों की जानकारी दी जाए |उन्होंने एक सर्वशक्तिमान इश्वर पर आधारित विश्व धर्म में अपनी आस्था व्यक्त की   और मूर्ति पूजा तथा धार्मिक अनुष्ठानों की निंदा की | 1814 में उन्होंने कलकता में आत्मीय सभा की स्थापना की | धार्मिक सुधार के क्षेत्र में उनका महान कार्य था | 1.             1828 में ब्रह्म सभा की स्थापना 2.  ...